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Helping Teachers to Teach and Students to Learn

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EASTERN ECONMIC EDITION
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भौगोलिक चिंतन का विकास : एक ऐतिहासिक समीक्षा (Bhaugolik Chintan Ka Vikas: Ek Etihasik Samiksha) - ABOUT AUTHOR(S)


प्रो. रमेश दत्त दीक्षित, पीएच.डी. (आस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा), 1974 से 1984 तक पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में भूगोल विभाग के संस्थापक अध्यक्ष एवं प्रोफेसर, तथा 1984 से 1999 के बीच महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में भूगोल के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, तथा समाज विज्ञान संकाय के डीन रहे हैं। राजनीतिक भूगोल, और भूगोल का दर्शन एवं विधितंत्रा प्रोफेसर दीक्षित के अध्ययन-अध्यापन एवं मनन-चतन के विशिष्ट विषय हैं। पिछले तीस वर्षों से वे विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर भौगोलिक चिंतन के इतिहास विषय पर अध्यापन करते रहे हैं। इस विषय पर पीएचआई लर्निंग द्वारा उनकी दो लोकप्रिय कृतियांः जिओग्रफिकल थॉटः ए कन्टेक्स्चुअल हिस्टरी ऑफ आइडियाज़य् तथा आर्ट ऐण्ड साइंस ऑफ जिओग्राफ़ीय् पहले ही प्रकाशित हैं। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में निम्नलिखित सम्मिलित हैंः पोलिटिकल जिओग्राफ़ी­ ऑफ फेडरलिज्मः ऐन इंक्वायरी इंटू ओरिजन्स ऐण्ड स्टेबिलिटी, पोलिटिकल जिओग्राफ़ीः दि स्पेसियलिटी ऑफ पोलिटिक्स (तृतीय संस्करण), जिओग्राफ़ी ऑफ एलेक्शन्सः दि इण्डियन कान्टेक्स्टय्, डवेलपमेण्ट्स इन पोलिटिकल जिओग्राफ़ीः ए सेंचुरी ऑफ प्रोग्रेस, तथा राजनीतिक भूगोलः समसामयिक परिदृष्टिय्।


दीक्षित, रमेश दत्त (Dikshit, Ramesh Dutt)

 
 

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