राजनीतिक भूगोल के अग्रणी विद्वान द्वारा लिखित यह पुस्तक हिन्दी माध्यम से स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर भूगोल का अध्ययन-अध्यापन करने वाले सुधी पाठकों की राजनीतिक भूगोल पर एक मानक संदर्भ ग्रंथ सम्बन्धी दीर्घकालिक मांग की आपूर्ति करेगी । पुस्तक में राजनीतिक भूगोल के परिवर्तनशील स्वरूप तथा विधितंत्र विकास के सौ वर्षों के इतिहास की विशद् समीक्षा, और विषय के सभी पक्षों ओर उनसे सम्बन्धित शोध की अधुनातन प्रवृत्तियों की सविस्तार चर्चा प्रस्तुत है । ऑनर्स तथा स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्यस्तरीय लोक सेवा आयोगों की प्रतियोगिता परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए यह अनिवार्य तथा सम्पूर्ण पाठ्यपुस्तक है ।राजनीतिक भूगोल के अग्रणी विद्वान द्वारा लिखित यह पुस्तक हिन्दी माध्यम से स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर भूगोल का अध्ययन-अध्यापन करने वाले सुधी पाठकों की राजनीतिक भूगोल पर एक मानक संदर्भ ग्रंथ सम्बन्धी दीर्घकालिक मांग की आपूर्ति करेगी । पुस्तक में राजनीतिक भूगोल के परिवर्तनशील स्वरूप तथा विधितंत्र विकास के सौ वर्षों के इतिहास की विशद् समीक्षा, और विषय के सभी पक्षों ओर उनसे सम्बन्धित शोध की अधुनातन प्रवृत्तियों की सविस्तार चर्चा प्रस्तुत है । ऑनर्स तथा स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्यस्तरीय लोक सेवा आयोगों की प्रतियोगिता परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए यह अनिवार्य तथा सम्पूर्ण पाठ्यपुस्तक है ।