इस पुस्तक में भारतीय तर्कशास्त्र के सिद्धांतों का विश्लेषणात्मक तथा तुलनात्मक अध्ययन सोदाहरण प्रस्तुत किया गया है | इसमें न्याय, बौद्ध, जैन तथा वेदांत तर्कशास्त्रों की समानताओं तथा विभिन्नताओं का स्पष्ट उल्लेख किया गया है साथ ही नव्य न्याय, सांख्य, योग, वैशेषिक तथा मीमांसा तर्कशास्त्रों के महत्तव पर भी प्रकाश डाला गया है | इनके अलावा, इसमें भारतीय तथा पाश्चात्य तर्कशास्त्रों के सिद्धांतों में अंतर भी दिया गया है |
इसमें भारतीय परंपरा में तत्त्वमीमांसा, प्रमाणमीमांसा एवं तर्कशास्त्र के संबंधों की व्याख्या की गयी है तथा अनुमान की परिभाषा,अवयव, प्रक्रिया, आधार एवं भेद भी दिए गए हैं | भारतीय तर्कशास्त्र में निहित आगमनात्मक तत्त्वों और हेत्वाभासों का भी वर्णन इस पुस्तक में है |
यह पुस्तक दर्शनशास्त्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अनुरूप लिखी गई है, जिसमें भारतीय तर्कशास्त्र एक पेपर के रूप में सम्मिलित है | इससे हिंदी भाषी राज्यों विशेषकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे | इसके अलावा, यह संघ तथा राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रतियोगी परीक्षाओं मे हिंदी माध्यम से सम्मिलित हो रहे अभ्यार्थीयों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी |