मानव जीवन में प्राराभिक बाल्यावस्था अत्यानत संवेदनशील तथा संभावनाओ के द्वार खोलने में निर्णायक सिद्ध होती है।
इस पुस्तक में ०-६ वर्ष के बच्चों की देखभाल, उनकी छिाक्षा बौद्धिक, शारीरिक, भावनात्मक आवछयकताओं एवं उचित पालन-पोषण के तथ्यों को उदाहरण सहित सरल भाषा में समझाया गया है। प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-भाल और छिाक्षा केन्द्र तथ्यों एवं विविछा गतिविछिायों के नमूने भी इस पुस्तक में प्रस्तुत किए गए हैं, जो उद्यमियों तथा प्रशासको का मार्गदर्छान करने में सक्षम हैं।
वैज्ञानिक विषय-वस्तु को व्यावहारिक छौली में प्रस्तुत किए जाने के कारण यह पुस्तक बी.एड. तथा बी.एल.एड. विद्यार्थियों के अतिरिक्त सभी माता-पिता, प्रछिाक्षणार्थियों, अछयापकों, अछयापक प्रछिाक्षकों तथा शोधकर्ताओ के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
पुस्तक की विशेषेताए
• सरल भाषा में प्रस्तुतीकरण|
• अनेक प्रेरक क्रियाओं व क्रियाविधियों का चित्रा सहित बिंदुवार वर्णन।
• भारतीय परिस्थितियों एवं परंपराओं को ध्यान में रखते हुए छिाक्षा केद्रों का वर्णन|
• सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्षों पर पर्याप्त बल।