भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तार स्तर व राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, यथा -UPSC, PCS तथा UGC NET की आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर इस पुस्तक की रचना एक स्तरीय पाठ्य-पुस्तक के रूप में की गयी है।
पुस्तक में प्रमुख विद्वानों के विचारों को क्रमश: प्रस्तुत किया गया है। समाजशास्त्राीय अवधारणाओं का प्रामाणिक अनुवाद और उनके विशलेषण के साथ-साथ पाशचात्य विद्वानों के नामों का सही उच्चारण इस पुस्तक की विशेषताए हैं|
अंग्रेजी माछयम से अछययन करने वाले पाठकों की अपेक्षा हिन्दी माछयम से पठन-पाठन करने वाले पाठक ज्ञान की द्रष्टि से पीछे न रहें, इस बात का छयान रखा गया है। अंग्रेजी की नवीनतम उच्च स्तरीय पुस्तकों को आधार मानकर विभिन्न प्रकार के समाजशास्त्राय तथ्यों को एकत्रिात कर मौलिक विशलेषण करने का प्रयास किया गया है।
तृतीय संस्करण की विछोषताएं
• इस संस्करण में १० नये अधयाय और जोड़े गये हैं तथा विगत् संस्करण के सभी अधयायों में आवशयकतानुसार परिवर्धन किया गया है।
• यथास्थान नवीन संदर्भों वेफ संवर्धन से पुस्तक का प्रत्येक अधयाय बहुत समृद्ध हुआ है।
• विषय से सम्बंधित समस्त प्रामाणिक तथ्यों का संकलन पुस्तक में एक ही जगह पर पर उपलब्ध है।
• पाठकों की सुविधा हेतु अनेक उद्धरण और लेखकों के नाम साथ वर्ष तथा अंक दिये गये हैं, जो क्रमश: पुस्तक का प्रकाशन वर्ष और पृष्ठ संख्या दर्शाते हैं। इस तरह के विवरण स्तरीय अनुसन्छाानों के प्रकाशनों में ही मिलते हैं।